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बंगाल के गवर्नर का राजभवन कर्मचारियों को निर्देश - बंगाल पुलिस का कोई निर्देश न मानें!

 06 May 2024

पश्चिमी बंगाल के राज्यपाल सी.वी आनंद बोस ने राजभवन के सभी कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि वे उनपर लगे छेड़छाड़ के आरोपों के संबंध में कोलकाता पुलिस का कोई निर्देश न माने। ये जानकारी उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर दी है। एक सरकारी महिला कर्मचार ने गवर्नर पर उनसे छेड़छाड़ की शिक़ायत की है। ज़ाहिर है, राज्यपाल सवालों के घेरे में आ गये हैं।




आनंद बोस प्रोटोकॉल का फ़ायदा उठा रहे है

राज्यपाल कार्यालय का कहना है कि राष्ट्रपति या किसी राज्यपाल के ख़िलाफ़ उनके कार्यकाल के दौरान किसी भी अदालत में कोई आपराधिक कार्यवाही नहीं की जा सकती है। गवर्नर इसी प्रोटोकॉल का फ़ायदा उठा रहे है। राज्यपाल ने अपने निर्देश में लिखा है, ‘भारतीय संविधान के अनुच्छेद 361 (2) और (3) कहता है कि राज्य पुलिस राज्यपाल के ख़िलाफ़ कोई भी पूछताछ/जाँच/कार्यवाही नहीं कर सकती है। राज्यपाल ने कहा कि यदि राजभवन के किसी भी कर्मचारी से उनके संबंध में संपर्क करती है तो कोई बयान न दे।




पुलिस पूछताछ में राजभवन का कोई कर्मचारी शामिल नहीं

कोलकता पुलिस ने रविवार को बताया कि पूछताछ के लिए राजभवन से कोई कर्मचारी शामिल नहीं हुआ है। केवल तैनात पुलिसकर्मी ही आये थे। पुलिस सोमवार को फिर से कर्मचारियों को पुलिस स्टेशन आने के लिए कहेगी, लेकिन पुलिस ने अभी पूछताछ के संबंध में कुछ भी नहीं बताया है।



राज्यपाल ने क्या कहा?

राज्यपाल आनंद बोस ख़ुद पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप को राजनीतिक साज़िश बता चुके है।उन्होंने कहा, ‘मैंने तूफ़ानों का सामना किया है। मैं साज़िश रचने वाले राजनीतिक दलों से कहना चाहता हूं यह कोई तूफ़ान नहीं है बल्कि चाय के प्याले में आया तूफ़ान है। अगर आपको लगे की मैं तूफ़ान हूँ तो हैरान न हो। अपने हथियार और आर्मी को मेरे ख़िलाफ़ इस्तेमाल करो, मैं तैयार हूँ। मैं बंगाल के भाइयों और बहनों के सम्मान के लिए लड़ता रहूंगा।"



राज्यपाल आनंद बोस विवादों में रहे है


पश्चिमी बंगाल की ममता सरकार ने राज्यपाल आनंद बोस को भाजपा का एजेंट बताया था। राज्यपाल के कई निर्णय ऐसे रहे हैं जो भाजपा के अनुकूल और ममता के विपरीत रहे हैं। ममता सरकार राज्यपाल के निर्णयों के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट तक जा चुकी हैं। आनंद से पहले मौजूदा उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बंगाल के राज्यपाल थे जिनके ऊपर भी केंद्र सरकार के एजेंट होने का आरोप लग चुका है। धनखड़ के उप-राष्ट्रपति बनने पर ममता बनर्जी ने तंज करते हुए  कहा था कि धनखड़ को बंगाल सरकार को परेशान करने का फल दिया गया है।